Search This Website

Wednesday, 20 October 2021

Sensex क्या होता है और कैसे बनता है?

 

Sensex क्या होता है और कैसे बनता है?

क्या आप जानते है सेंसेक्स क्या होता है (What is Sensex in Hindi)? आपने अक्सर TV पर या फिर अखबारों में सेंसेक्स शब्द को पढ़ा या देखा होगा। कभी आप देखते है Sensex आज इतने अंक ऊपर चला गया तो कभी आप देखते है की सेंसेक्स आज इतने अंक नीचे गिरा।

जब भी आप Share Market में निवेश करने के बारे में सोचते हैं तब आपके मन में Sensex के बारे में जरुर आया होगा. पर आप इन शब्दों का अर्थ नहीं समझ पाते क्योंकि आप नहीं जानते की Sensex क्या होता है? तो आज की हमारी पोस्ट सेंसेक्स पर केंद्रित है। आज हमारी इस पोस्ट के जरिये जानेंगे की सेंसेक्स क्या होता है और इसके जरिये क्या काम होता है?

हम आपको अपनी पहले की पोस्ट में बता चुके है की निफ़्टी क्या होता है। आज हम बात कर रहे है सेंसेक्स की। तो सेंसेक्स भी एक तरह से निफ़्टी की तरह ही होता है पर निफ़्टी की तुलना में सेंसेक्स में मात्र 30 कंपनियों सूचिबद्ध होती है। जहाँ निफ़्टी को निफ़्टी 50 भी कहा जाता है क्योंकि इसमें 50 कंपनियां सूचिबद्ध होती है। आइये विस्तार से सेंसेक्स क्या है के बारे में जानते है।

अनुक्रम 

सेंसेक्स क्या होता है (Sensex in Hindi)

Sensex Kya Hota hai Hindi

Sensex शब्द की शुरुआत दीपक मोहोनि द्वारा की गयी थी। यह शब्द sensitive और index शब्दों से मिल कर बना हुआ है। इससे तात्पर्य है की यह संवेदी सूचकांक होता है।

सेंसेक्स हमारे भारतीय Stock Market का BenchMark index है, जो की BSE ( बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में सूचिबद्ध शेयर्स के भाव में होने वाली तेजी और मंदी को बताता है। इसी के जरिये हम इसमें सूचीबध्द 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन की जानकारी हासिल होती है।

सेंसेक्स की बात की जाए तो यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्किट इंडेक्स है, जिसकी शुरुआत 1986 में हुई थी

Sensex जो की एक स्टॉक मार्किट इंडेक्स है और इसका सबसे महत्वपूर्ण काम है कि यह स्टॉक मार्केट में सूचिबद्ध कंपनियों के सभी शेयर्स के भाव को देखता रहे और फिर दिन भर के काम के बाद हमको एक औसत वैल्यू दे जिस से कि हमे स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स के भावो में होने वाली तेजी और मंदी की सूचना आसानी से मिल सके।


बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) जो की भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है इसके अंतर्गत कुल 30 प्रमुख भारतीय कंपनियां आती हैं। ये कंपनियां मार्किट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से देखा जाए तो बहुत बड़ी होती है यह अभी के समय में भारतीय GDP का कुल 37% है।

यह कंपनियां एक प्रकार से भारतीय बाजार के trend को सेट करने का काम करती हैं। और आसान शब्दों में कहें तो भारत की बड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमतों को आंकने के लिए बनाये गए सूचकांक जो इन कंपनियों के शेयरों की बढ़ती घटती कीमतों पर नजर रखता है वही सेंसेक्स कहलाता है।

Sensex कैसे बनता है?

अभी हमने बात की सेंसेक्स क्या होता है ? अब हम जानेंगे की Sensex कैसे बनता है और यह किन लोगों द्वारा बनाया जाता है इसके बनने की प्रक्रिया को हम समझेंगे।

जैसा की हम भली-भाँती जानते है की Sensex बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) का हिस्सा है और सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड केवल तीस कंपनियों के शेयर्स के भावो से मिलकर बन हुआ होता है जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कुल कंपनियों का आंकड़ा 6000 से भी ज्यादा है।

जब सेंसेक्स की गणना की जाती है तो उसमें केवल 30 कंपनी जो की मार्किट में प्रमुख है उनके ही शेयर्स को शामिल किया जाता है। इन 30 कंपनियों के शेयर के भावो को शामिल करने के पीछे का कारण यह है कि एक तो इन 30 कंपनियों के शेयर्स सबसे ज्यादा ख़रीदे व बेचे जाते है।

दूसरा यह की यह 30 सबसे बड़ी कंपनीयाँ होती है इनका मार्केट कैप स्टॉक एक्सचेंज में सूचिबद्ध सभी शेयर्स का लगभग आधा होता है जो की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। तीसरा कारण है की ये 30 कम्पनीयाँ 13 अलग अलग सेक्टर से चुनी जाती है ये 30 कंपनियां अपने सेक्टर में सबसे बड़ी मानी जाती है।

इन 30 कंपनीयों का चुनाव स्टॉक एक्सचेंज की इंडेक्स कमिटी द्वारा किया जाता है इस कमिटी में कई वर्गों से लोग शामिल होते है जिनमे प्रमुख रूप से सरकार, बैंक और जाने माने अर्थशास्त्री शामिल हो सकते है।

Sensex कैसे घटता या बढ़ता है?

सेंसेक्स इसका काम ही हमें शेयर की जानकारी प्रदान करने का होता है। यह अपने अंतर्गत आने वाली 30 कंपनियों के शेयरों में आए उतार-चढ़ाव पर नजर रखता है। अगर सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों के बाजार में शेयरों के मूल्य बढ़ रहे हैं तो सेंसेक्स भी बढ़ जाता है और ऊपर चला जाता है।

वहीं अगर सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों की बाजार में शेयरों के मूल्य गिर रहे होते है तो सेंसेक्स भी गिरने लगता है।


शेयरों की कीमतों के नीचे जाने और ऊपर जाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण होता है उन कंपनियों कंपनी का प्रदर्शन। उदहारण के तौर पर अगर कंपनी ने बाजार में कोई नया और बड़ा प्रोजेक्ट लांच किया है तो संभावना है की कंपनी के शेयरों के दाम बढ़ेंगे।

इसी प्रकार कंपनी अगर किसी मुश्किल से गुजर रही होती है तो लोग इसको छोड़ना चाहते है और शेयर ज्यादा मात्रा में बेचे जाने लगते है। शेयर की ज्यादा मात्रा होने से शेयर के दाम घट जाते हैं और सेंसेक्स नीचे की और आने लगता है।

किस आधार पर 30 कंपनियों का चुनाव किया जाता है?

इंडेक्स कमिटी सेंसेक्स में शामिल करने के लिए 30 कंपनीयों के चुनाव के वक़्त जो बातो का ध्यान रखती है, वो इस प्रकार होती है:

1) उस कंपनी के शेयर कम से कम 1 साल या उस से अधिक समय से Stock Exchange पर सूचिबद्ध हो।

2) पिछले एक साल के अंदर जितने दिन भी शेयर बाजार खुला होता है, उन सभी दिनो में उस कम्पनी के स्टॉक का ख़रीदा और बेचा जाना अनिवार्य होता है।

3) हर दिन की औसत ट्रेड की संख्या और वैल्यू के हिसाब से ये कंपनीयाँ देश की सबसे बड़ी 150 कंपनीयों में अवश्य होनी चाहिए।

यही बातें है जो लिस्टिंग के लिए इंडेक्स कमिटी द्वारा ध्यान में रखी जाती है।

बेहतर प्रदर्शन करने वाले Top 30 Companies कोन से हैं

सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियो को 1986 में पहली बार शामिल किया गया था ये सभी कंपनियां वित्तीय रूप से काफी ताक़तवर और मार्किट कैप के हिसाब से भी बहुत बड़ी होती है। इन कंपनियों के शेयरों की मांग Stock Market में हमेशा बनी रहती है।

ऐसी कंपनियों को “ब्लू चिप” कम्पनियाँ कहा जाता है। बीएसई यानी की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में अभी कुल 31 कंपनियां शामिल है BSE सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों की लिस्ट कुछ इस प्रकार है

1) Adani Ports and Special Economic Zone Ltd.
2) Asian Paints
3) Axis Bank Ltd.
4) Bajaj Auto Ltd.
5) Bharti Airtel Ltd.
6) Cipla
7) Coal India Ltd.
8) Dr. Reddys Laboratories Ltd.
9) HDFC Bank Ltd
10) Hero MotoCorp Ltd.
11) Hindustan Unilever Ltd.
12) Housing Development Finance Corporation Ltd.
13) ICICI Bank Ltd.
14) ITC
15) Infosys Ltd.
16) Kotak Mahindra Bank Ltd.
17) Larsen & Toubro Ltd.
18) लुपिन
19) Mahindra & Mahindra Ltd.
20) Maruti Suzuki India Ltd.
21) NTPC Ltd.
22) Oil & Natural Gas Corporation Ltd.
23) Power Grid Corporation Of India Ltd.
24) Reliance Industries Ltd.
25) State Bank Of India
26) Sun Pharmaceutical Industries Ltd.
27) Tata Consultancy Services Ltd.
28) Tata Motors
29) Tata Motors – DVR Ordinary
30) Tata Steel Ltd.
31) Wipro Ltd.

इस वक़्त भारतीय बाजार में इन कंपनियों का एक तरीके से कहें तो राज चलता है। ये सारी कंपनियां अपने अपने सेक्टरों में प्रमुख कंपनियां है और हर कंपनी अपने सेक्टर का एक तरीके से सेंसेक्स में प्रतिनिधित्व करती है।

सेंसेक्स के फायदे

वेसे तो सेंसेक्स का सबसे बड़ा फायदा यही होता है की इसके जरिये निवेशक बाजार में होने वाले भविष्य के परिवर्तनो को जान सके और समझ सके और उनके हिसाब से अपना पैसा ठीक तरीके से निवेश कर सके।

पर सेंसेक्स से हमें कुछ ऐसे भी लाभ है जो की वेसे तो सीधे तौर पर ज्यादा कोई असर या फायदा नहीं करते पर indirect रूप से काफी उपयोगी होते है। रूपए की चाल बाजार के अनुरूप बदलती रहती है और जब रूपया मजबूत होता है तो देश में चीज़ें सस्ती होती है। आइये कुछ अलग फायदों के बारे में जानते है।

1) जब कंपनियां सेंसेक्स को ऊपर जाते देखती हैं तो निवेशक भी ऐसी कंपनियों में पैसा लगाने की चाह रखते है और जब निवेशकों से बहुत ज्यादा पैसा इकट्ठा हो जाता है तो कंपनियां grow करती है और expand होती है। और जब भी कोई कंपनी expand होती है तो उसके लिए उसको नए लोगों की आवश्यकता होती है तो ऐसे में वे अधिक लोगों को नौकरी देंगे और इसका सीधा मतलब बेरोजगारी की कमी होगा।

2) जब शेयर बाजार अच्छा होता है और सेंसेक्स ऊपर जाता है तो देश में बहुत से बाहरी निवेशक आने लगते है और जब वो भारतीय कंपनियों में पैसा लगाते है तो इससे रुपये में तेजी आएगी। और रुपया विदेशी मुद्रा के मुक़ाबले में मजबूत होता है। और जब रुपया मजबूत होता है तो इससे चीज़ें सस्ती होने लगती है। जैसे कि विदेश आयत होने वाला सामन रूपए में आई तेज़ी से पहले के मुक़ाबले कम कीमतों पर मिलेगा।

भारतीय शेयर बाजार लगातार ऊंचाइयों की और अग्रसर है एक समय जब इसकी शुरुआत हुयी थी 1990 में तब सेंसेक्स सिर्फ एक हजार हुआ करता था पर आज के समय में यह आंकड़ा पांच अंकीय संख्या तक पहुँच गया है आज के समय में यह 61,000 को पार कर चूका है और हर दिन नए कीर्तिमान रच रहा है ।

हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी यह नयी ऊंचाइयों को छुए और निवेशकों को मुनाफा कमाने में मदद करे।

देश का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स क्या है?

देश का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स BSE है।

BSE की स्थापना कब की गयी थी?

BSE की स्थापना 1957 में की गयी थी।

NSE की स्थापना कब की गयी थी?

NSE की स्थापना 1993 में की गयी थी।

NSE का सूचकांक क्या है?

‘नैशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) का सूचकांक है NIFTY।

BSE का सूचकांक क्या है?

‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) का सूचकांक है SENSEX।

आज आपने क्या सीखा

अगर आप बाजार के व्यवहार से अनभिज्ञ है तो शेयर मार्केट आपके लिए एक जोखिम से भरा हुआ निवेश हो सकता है। शेयर बाजार में काफी सोच समझकर ही निवेश करें और निवेश से पहले पूरी जानकारी कर ले। आशा करते है सेंसेक्स से जुडी जानकारी आपको पसंद आई होगी।

मैं आशा करता हूँ आप लोगों को सेंसेक्स क्या होता है (Sensex in Hindi) के बारे में समझ आ गया होगा. मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिश है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.

लेकिन फिर भी अगर आपको हमारी इस पोस्ट में कहीं कोई कमी दिखाई दे तो कृपया कमेंट बॉक्स में अपनी राय दे और हमें उस कमी को सुधारने में मदद करें , धन्यवाद.

No comments:

Post a Comment