स्वाइन फ्लू के कारण एवं लक्षण
स्वाइन फ्लू वायरस क्या हैं ( Swine Flu Kya Hai )
स्वाइन फ्लू से मरने वालों की तादात बढ़ती जा रही हैं यह एक जानलेवा वायरस हैं, जिसकी समय पर रोकथाम नहीं की गई तो यह घातक बीमारी हैं | Swine Flu एक शुकर अर्थात सूअर इन्फ्लूएंजा वायरस हैं, जिसे H1N1 विषाणु कहा जाता हैं| यह H1N1 वायरस संक्रमित विषाणु हैं, जो वायु के जरिये फैलता हैं, यह एक साधारण बुखार की तरह ही दिखाई देता हैं |
स्वाइन फ्लू कारण ,लक्षण व उपाय swine flu karan lakshan symptoms precautions treatment upay in hindi
स्वाइन फ्लू का कारण (Causes / karan Of Swine Flu)
शुकर इन्फ्लूएंजा आमतौर पर सूअर में ही देखे जाते हैं, जो कि हर एक सूअर में होता हैं ,लेकिन मानव शरीर में इसका पाया जाना बहुत कम देखा जाता हैं| यह H1N1 वायरस मानव के सूअर से अधिक सम्पर्क में रहने के कारण मानव शरीर में आता हैं| यदि सूअर के मांस को ठीक से पका कर ना खाया जाये, तो शुकर इन्फ्लूएंजा H1N1 जिसे स्वाइन फ्लू कहते हैं, मानव शरीर में फ़ैल जाता हैं| मानव शरीर में इस HIN1 वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती हैं, इसलिए Swine Flu जानलेवा बन चूका हैं |
स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फ़ैल रहा हैं | यह HIN1 वायरस वायु के जरिये फैलते हैं, अगर यह किसी कठोर जगह पर गिरा हैं, तो 24 घंटे जीवित रह सकता हैं और अगर किसी तरल जगह पर तो 20 मिनिट तक जीवित रहता हैं |
स्वाइन फ्लू के लक्षण ( Symptoms / lakshan of Swine Flu ) :
- स्वाइन फ्लू आम बुखार की तरह ही होता हैं, लेकिन अगर बुखार को ठीक होने में समय लगे, तो यह स्वाइन फ्लू के एक लक्षण कहा जा सकता हैं |
- सिर एवं शरीर में दर्द रहना, मांस पेशी में खिचावट महसूस होना |
- गले में खराश रहना जो कि ठण्ड में आम बात हैं, लेकिन अगर यह लम्बे समय तक ठीक नहीं हुआ हैं, तो यह स्वाइन फ्लू का कारण बन सकता हैं |
- अपेक्षाकृत सांस लेने एवम छोड़ने की प्रक्रिया की गति में अधिकता होना अर्थात तेजी से सांस लेना छोड़ना |
- थकावट महसूस होना, चिड़चिड़ापन महसूस होना |
- पाचनक्रिया में परेशानी होना जैसे पेट ख़राब होना, उल्टी दस्त होना और समान्य उपचार के बावजूद ठीक ना होना |
- सर्दी होना ठंड में आम हैं लेकिन इसका प्रभाव बहुत वक्त तक रहना और लगातार नाक से पानी बहना स्वाइन फ्लू का एक कारण बन सकता हैं |
- छोटे बच्चो को बुखार के समय अत्यधिक चिडचिडा होना और शरीर का नीला पड़ना |
- वयस्कों में छाती अथवा पेट में दर्द, चक्कर आना |
- भूख कम महसूस होना एवं तेजी से वजन कम होना |
उपरोक्त सभी कारण समान्य फ्लू में भी देखे जाते हैं, जिसे मनुष्य नज़रन्दाज कर घरेलु उपाय कर बढ़ाते जाते हैं | सर्दी खासी जैसी छोटी बिमारियों को भी नजरअंदाज ना करे यह जानलेवा वायरस भी हो सकते हैं | समय पर स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर इनसे निजात पाया जा सकता हैं |
स्वाइन फ्लू का उपाय (Swine Flu Treatment / upay):
स्वाइन फ्लू वायरस 1918 में उत्तर अमेरिका में देखा गया था जब से 20 वी सदी तक इसके इलाज में कोई उपयुक्त युक्ति का पता नहीं चल पाया लेकिन 2009 के बाद इस H1N1 वायरस के उपवायरस H1N2,H3N1, H3N2 और H2N3 भी प्राप्त किये गए जिनके कारण स्वाइन फ्लू के बचाव में एंटीडोट बनाये जा सके | अगर स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के लक्षणों को समय पर पहचान कर इसका इलाज कराये तो इससे बचा जा सकता हैं |
जिन मनुष्यों को गम्भीर बीमारी अर्थात केंसर जैसी बीमारी हैं ऊनि प्रतिरोधक क्षमता कम होती हैं उनके लिए स्वाइन फ्लू से लड़ना कठिन होता हैं |
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