भारत के सबसे शानदार रॉयल पैलेस (बड़ा किला, महल) | Most Magnificent Royal Palaces Of India In Hindi
एक समय में भारत देश सोने की चिड़िया होता था, यह हम सब जानते है. भारत देश में बहुत से राजा, रानी, नबाब, निजाम का शासन रहा है. इन्होने अपने रहने के लिए देश में आलिशान जगह बनवाई. यही वजह है, आज भी भारत देश में रॉयल महलों, किलों की कमी नहीं है. भारत में बहुत से रॉयल परिवार ने बहुत सी रियासतों को संभाला है. देश की आजादी के बाद भारत देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए, इन रियासतों को भारत संघ में शामिल कर दिया गया. बहुत से रॉयल परिवार ने इन रॉयल प्लेस को आज भी अपनी धरोहर की तरह संभाल कर रखा है.
कुछ रॉयल प्लेस को सरकारी संघ में शामिल कर लिया गया है, और उनकी देखभाल वर्ल्ड हेरिटेज के द्वारा की जाती है. कुछ रॉयल प्लेस को पर्यटन की द्रष्टि से हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है. ये होटल्स देश के लोगों के साथ साथ, बाहर विदेशों में भी लोगों को भारत आने के लिए आकर्षित करते है. भारत देश की रॉयल एरा को करीब से जानने के लिए, महसुस करने के लिए आपको इन जगहों के बारे में करीब से जानना होगा. चलिए आज आपको भारत देश की उसी रॉयल एरा में ले चलते है, आप इनके बारे में जानकर अपनी ज़िन्दगी में एक बार तो जरुर जाना चाहेंगें.
भारत के सबसे शानदार रॉयल पैलेस List of Most Magnificent Royal Palaces Of India In Hindi
अम्बा विलास पैलेस, मैसूर –
इसे रॉयल पैलेस ऑफ़ मैसूर भी कहते है. अम्बा विलास पैलेस भारत का सबसे सुंदर पैलेस है. मैसूर के वोदेयार्स राजवंश का राजघराना इसी पैलेस में था. इनकी रियासत ने भारत में 1399 से 1950 तक राज्य किया है. मैसूर शहर को ‘सिटी ऑफ़ पैलेस’ भी कहा जाता है, यहाँ अम्बा विलास के 6 बड़े आलिशान पैलेस है. भारत में यह पैलेस आकर्षण का मुख्य केंद्र है, आगरा के बाद सबसे ज्यादा लोग इसे ही देखने जाते है. हर साल 6 मिलियन से ज्यादा पर्यटक इस पैलेस का दीदार करने जाते है.
इतिहास –
अम्बा विलास का निर्माण कृष्णराजा वोदेयार के द्वारा 1897 में शुरू करवाया गया था. इसे ब्रिटिश वास्तुकार ‘हेनरी इरविन’ ने डिजाईन किया था. सन 1912 में ये पूरा बनके तैयार हुआ था. मैसूर के आखिरी महाराजा जयचार्माराजेन्द्र वादियर ने जब 1940 में मैसूर रियासत को छोड़ा, उसके बाद ब्रिटिशों ने उसे और बड़ा करवाया.
- पर्यटक फीस – भारतीय के लिए 40 रूपए एवं विदेशियों के लिए 200 रूपए
- घुमने का समय – रविवार – सुबह 10 से शाम 5:30 तक एवं शाम 7-8 बजे तक
- सोमवार से शनिवार – सुबह 10 से शाम 5:30 तक
लक्ष्मी विलास पैलेस, बरोदा, गुजरात –
गुजरात का लक्ष्मी विलास पैलेस भारत के साथ साथ दुनिया का सबसे बड़ा पैलेस है. यह आइशन पैलेस, इंग्लैंड के बुकिंघाम पैलेस से चार गुना अधिक बड़ा है. इस रॉयल पैलेस की वास्तुकला अभूतपूर्व है, साथ ही इसकी आतंरिक साज सज्जा भी बहुत उच्चतम कोटि की है. बरोदा के रॉयल परिवार गायकवाड़ राजवंश का यह अधिकारिक निवास स्थान है. यह गुजरात का सबसे सुंदर और सबसे बड़े पैलेस में से एक है.
- निर्माण – 1890 में पूरा हुआ
- बनवाया गया था – महाराजा सय्याजीराव गायकवाड़ तृतीय
- वास्तुशिल्प शैली – मराठा, भारत-अरबी
- टोटल खर्चा – 1,80,000 पाउंड
- आर्किटेक्ट – मेजर चार्ल्स मंत
- घुमने का समय – सुबह 9 से शाम 5 बजे तक (लंच ब्रेक 1-1:30 तक)
- एंट्री फीस – 150/-, 10 साल से कम उम्र के बच्चों की फ्री एंट्री (सोमवार बंद)
दी लेक पैलेस, उदयपुर –
राजस्थान के बहुत सुंदर स्थानों में से एक है, लेक पैलेस. इसे जग निवास या जन निवास भी कहा जाता है. इस आलिशान, रॉयल पैलेस को अब होटल में बदल दिया गया है. यह 4 एकड़ की जगह में बना है. इसे भारत की एवं विश्व की सबसे रोमेंटिक होटल में से एक माना जाता है. इसे मेवाड़ राजवंश के 62 वें राजा, महाराजा जगत सिंह द्वीतीय ने बनवाया था. उदयपुर के पिकोला लेक में इसे बनवाया गया था. इस होटल में 83 रूम्स है. यहाँ की दीवारों में सफ़ेद मार्वल लगे हुए है. उदयपुर के दर्शनीय स्थल जानने के लिए यहाँ पढ़ें.
- निर्माण – 1726-76
- बनवाया गया था – महाराजा जगत सिंह द्वीतीय
- क्षेत्र – 4 एकड़
उमेद भवन पैलेस, जोधपुर –
उमेद भवन पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास स्थान है. यह पैलेस जोधपुर के एक रॉयल परिवार का था. इस पैलेस का निर्माण 18 नवम्बर, 1929 में शुरू हुआ था, और 1943 में पूरा हुआ था. इस रॉयल पैलेस का 1972 से कुछ हिस्सा हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है, जिसे ताज ग्रुप द्वारा संचालित किया जा रहा है. भारत के आलिशान, सुंदर पैलेस में इसका नाम भी आता है. इस पैलेस को तीन हिस्सों में बांटा गया है, एक हिस्सा में ताज पैलेस होटल है, एक हिस्से में पैलेस के मालिक का निवास है, और एक हिस्से में संग्रहालय है, जहाँ 20वीं शताब्दी के जोधपुर के इतिहास को रखा गया है. यहाँ पर रॉयल परिवार के द्वारा उपयोग की जाने वाली गाड़ियों की गैलेरी भी है.
- पैलेस के अभी जो मालिक है – गाज सिंह
- संग्रहालय खुलने का समय – सुबह 9 से शाम 5 बजे तक
हवा महल, जयपुर –
राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर में स्थित हवा महल अपनी बनावट के लिए समस्त विश्व में प्रसिध्य है. हवा महल जैसा नाम से ही ज्ञात हो रहा है, हवा के रहने का स्थान. इस महल का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह जी द्वारा हुआ था. इस महल में 953 खिड़कियाँ है, जिसे झरोखा कहते है. हवा महल का निर्माण इसलिए हुआ था ताकि राजपुताना औरतें शहर को महल में रहते हुए देख सकें, और बाहर से उन्हें कोई न देख सके. उस समय में औरतों को बहुत अधिक परदे में रहना पड़ता था. महल बनाने का एक उद्देश्य यह भी था कि महल के अंदर ढेर सारे झरोखें बनवाए ताकि राजस्थान की अत्याधिक गर्मी से महल के अंदर हवा का आवागमन अच्छे से हो सके. कहते है महल की डिजाईन भगवान कृष्णा के मुकुट की तरह बनवाई गई थी. जयपुर के दर्शनीय स्थल की सूची यहाँ पढ़ें.
- निर्माण – 1799
- आर्किटेक्ट – लाल बहादुर उस्ताद
- पैलेस की ऊंचाई – 15 मीटर
- वास्तुकला शैली – मुग़ल वास्तुकला
- महल घुमने का समय – सुबह 9:30 से शाम 4:30 तक, सभी दिन खुला रहता है.
जय विलास पैलेस, ग्वालियर –
जय विलास पैलेस, 19 वीं शताब्दी का भारत का एक भव्य, विशाल सुंदर मलाह है. यह मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित है, ग्वालियर भारत की सबसे बड़ी रियासतों में से एक है. इस पैलेस का निर्माण 1874 में ग्वालियर के महाराजा जयाजिराव सिंधिया द्वारा हुआ था. यह पैलेस अब मराठा सिंधिया राजवंश का आधिकारिक निवास स्थान है. यहाँ पर रहने वाले महाराजा ने इसकी साज सज्जा के लिए इटली, चाइना, इंगलैंड, न्यूयॉर्क आदि विश्व के अनेकों स्थान से वस्तुएं मंगवाई थी. इस पैलेस के दरबार हॉल को सजाने के लिए गिल्ट एवं गोल्ड फर्नीचर का उपयोग किया गया था, इसके साथ ही यहाँ बहुत सुंदर कारपेट एवं बड़ी झूमर है. इस पैलेस का एक हिस्सा होटल में तब्दील है, जहाँ 400 कमरे है, जिसमें 40 कमरे जीवाजी राव सिंधिया संग्रहालय के है.
- निर्माण – 1874
- वास्तुकला शैली – इटालियन, टस्कन एवं कोरियन
- खर्च – 1 करोड़ (आज के समय में 1200 करोड़ के बराबर)
- क्षेत्र – 12,40,771 वर्ग फीट
सिटी पैलेस, जयपुर –
जयपुर में स्थित सिटी पैलेस, वहां का मुख्य आकर्षण है. सिटी पैलेस के अंदर चन्द्र महल,मुबारक महल एवं अन्य स्थान आते है. सिटी पैलेस को ‘एतेहासिक ईमारत, पैलेस के काम्प्लेक्स’ के नाम से भी जाना जाता है. पैलेस का निर्माण कार्य सन 1729 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वीतीय ने शुरू करवाया था. जो 1732 में पूरा हुआ था. इस पैलेस को आगे राज्य करने वाले महाराजाओं ने अपने हिसाब से और आगे बढ़ाया और इसकी सज सज्जा की.
- निर्माण – 1729 से 1732
- वास्तुकला शैली – मुग़ल, यूरोपियन, भारतीय वास्तुकला की शिल्प कला
रामबाघ पैलेस होटल, जयपुर –
रामबाघ पैलेस होटल भारत की प्रसिध्य रॉयल स्थान में से एक है. विश्व के हेरिटेज होटल ने इस पैलेस होटल को बेहतरीन होटलों में से एक की रेटिंग दी है. इस होटल को ताज होटल ग्रुप एवं टाटा एंटरप्राइज द्वारा संचालित किया जा रहा है. यह भारत की सबसे महंगी होटलों में से भी एक है. इस पैलेस में लगभग 30 साल रॉयल परिवार रहा करता था. इस पैलेस का निर्माण 1835 में हुआ था, जिसे 1957 में पैलेस होटल में तब्दील कर दिया गया था.
- निर्माण – 1835
- एक रात का किराया – 28 हजार
उदय विलास पैलेस, उदयपुर –
उदय विलास पैलेस, उदयपुर की प्रतिष्ठित होटलों में से एक है, जिसे ओबरॉय होटल्स ग्रुप द्वारा संचालित किया जाता है. यह उदयपुर के दिल में मतलब हरिदासजी की मगरी में स्थित है. यह भारत देश की आलिशान होटल्स में से एक है. इस होटल के एक ओर पिकोला लेक है, वही दूसरी ओर अरावली हिल्स है. हर एक कमरे के साथ एक छोटा प्राइवेट गार्डन भी है. यहाँ रुकने का एक रात का खर्च 25 हजार रूपए है.
रंजित विलास पैलेस, वांकानेर –
रंजित विलास पैलेस, गुजरात के एतेहासिक, भव्य पैलेस में से एक है. इस पैलेस का निर्माण महाराजा अमरसिंह जी और जामनगर के महाराजा जम रंजितसिंह जी द्वारा हुआ था. इस पैलेस में इटालियन मार्वल लगा हुआ है, साथ ही यहाँ यूरोपियन वास्तुकला देखने को मिलती है.
राज पैलेस, जयपुर –
जयपुर के सबसे पुराने पैलेस में से एक, राज पैलेस का निर्माण 1727 में हुआ था. यहाँ रॉयल वास्तुकला को करीब से देखा जा सकता है, यहाँ सुंदर बगीचा, दरबार महल है. यहाँ स्थित स्वप्ना महल रेस्तरां को असली सोने की पत्तियों से सजाया गया है, जो देखते ही बनता है. इसके साथ ही यहाँ एक विशाल झूमर भी है, और पुरानी, रॉयल एरा की क्रोकरी का एक संग्रहालय भी है. यहाँ एक रात रुकने का खर्चा 14 हजार रूपए है.
देवी गढ़, उदयपुर –
अरावली पहाड़ियों में बसा देवी गढ़ महल, 20 वीं सदी के दिलवाड़ा शासकों का शाही निवास था. आज इसे एक आलिशान होटल में तब्दील कर दिया गया है, जहाँ रुककर आप रॉयल एरा को महसूस कर सकेंगें. यहाँ एक रात रुकने का खर्चा 15,500 हजार रूपए है.
वाइल्ड फ्लावर हॉल, शिमला –
एक बार जब ब्रिटिश राज के शासन के दौरान लॉर्ड किचनर के लिए घर की आवश्कता थी, तब शिमला के वाइल्ड फ्लावर हॉल को एक भव्य महल की तरह पुनः निर्माणित किया गया था. यहाँ की मूल आक्रति, वास्तुकला को देख भारत के इतिहास की ओर लोग और आकर्षित होते है. यहाँ से बर्फ से ढंकी ऊँची ऊँची चोटियाँ भी दिखाई देती है, जिससे बहुत मनोरम दृश्य देख सुख की अनुभूति होती है. यहाँ एक रात का खर्चा 22 हजार है. शिमला के पर्यटन स्थल की सूची को यहाँ पढ़ें.
फ़र्नहिल्स रॉयल पैलेस, ऊटी –
फ़र्नहिल्स रॉयल पैलेस का निर्माण 1844 में मैसूर महाराजा द्वारा हुआ था, ताकि वे यहाँ अपनी गर्मियां बीता सकें. 1873 में इसे 10 हजार रूपए में एक 12 साल के राजकुमार ने खरीद लिया था. जिसके बाद से ये पैलेस वादियार राजवंश का हिस्सा रहा. यह अब एक विशाल, भव्य, सुंदर होटल में तब्दील है, जहाँ एक रात रुकने का खर्चा 11 हजार है.
समोदे पैलेस, जयपुर –
यह पैलेस 475 साल पुराना है. यहाँ मिरर का काम, हाथ से पेंट की हुई दीवारें, सुंदर झूमर है. यहाँ के शीश महल में बहुत सुंदर काम है, जिसे देखते ही बनता है.
ताज फलकनुमा पैलेस, हैदराबाद –
निज़ाम के शहर हैदराबाद में ताज फलकनुमा पैलेस है, जो इस शहर से 2000 फीट ऊंचाई पर स्थित है. इस पुरे पैलेस में इटालियन मार्बल लगा हुआ है, यहाँ का फर्नीचर अदभूत है, मार्बल की बड़ी बड़ी सीढियां है. यहाँ मुग़ल, राजिस्थानी एवं जेपनीस वास्तुकला का मिक्सचर मिलता है. इस आलिशान होटल में रुकने के लिए आपको एक रत का 30 हजार रूपए देना होगा.
देओगढ़ महल, राजस्थान –
यह आलिशान महल पीले पत्थर से बना है, जहाँ रावत नाहर सिंह का परिवार रहा करता था. यह जोधपुर एवं उदयपुर के बीच स्थित है. इस पैलेस की वास्तुकला बहुत सुंदर है.
अमर महल पैलेस, जम्मू काश्मीर –
यह सुंदर अमर महल पैलेस जम्मू में स्थित है, जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया है. यह पैलेस तवी नदी के किनारे स्थित है, जहाँ से शिवालिक हिल्स का मनोरम दृश्य दिखता है. इसे डोगरा राजा ने बनवाया था, जहाँ डोगरा राजा लोग और सूर्यवंशी राजपूत रहा करते थे.
कंगला पैलेस, मणिपुर –
कंगला पैलेस, मणिपुर के मेइती शासकों द्वारा पश्चिमी नदी इम्फाल के किनारे बनवाया गया था. यह पैलेस इम्फाल शहर के बीच में स्थित है, यह एक धार्मिक प्लेस है.
मार्वल पैलेस, पश्चिम बंगाल –
मार्वल पैलेस कलकत्ता के मुक्ताराम बाबु स्ट्रीट में स्थित है. इसका निर्माण राजा राजेन्द्र मुल्लिक द्वारा हुआ था. यहाँ मार्वल की दीवारें, फ्लोर है, जो इसे आकर्षण का केंद्र बनाता है. यहाँ मूर्तीकला, पेंटिंग एवं बहुमूल्य समान है, इसके साथ ही इसके पास एक जू भी है.
राष्ट्रपति भवन, दिल्ली –
राष्ट्रपति भवन रॉयल पैलेस का एक अदभूत नमूना है. 200,000 वर्ग फीट में फेले इस एतेहासिक ईमारत ने कई दशक देखें, यहाँ कई नामचीन लोगों ने काम किया है. राष्ट्रपति भवन के पास में राजपथ है, जो विजय चौक से इंडिया गेट तक फैला हुआ है. यहाँ एक बहुत बड़ा मुग़ल गार्डन भी है. दिल्ली के दर्शनीय स्थल की सूची को यहाँ पढ़ें.
भारत के अन्य रॉयल पैलेस (Some Other Royal Palaces Of India) –
नाम |
आनंद बाघ पैलेस, बिहार |
बोल्गत्टी पैलेस, केरला |
आगा खान पैलेस, महाराष्ट्र |
थिरुमलाई नयाक्कर पैलेस, तमिलनाडु |
उज्जयांता पैलेस, त्रिपुरा |
चोवम्ह्ल्ला पैलेस, आंध्रप्रदेश |
जहाँगीर पैलेस, उत्तरप्रदेश |
इसके अलावा भी बहुत से रॉयल पैलेस है, जिन्हें अब संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है. इन रॉयल पैलेस में घूमना अपने आप में एक रॉयल फीलिंग देता है.
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