उदयपुर दर्शनीय स्थलों की सूची | Udaipur Tourist Places In Hindi
Udaipur Tourist Places List In Hindi भारत के राजस्थान राज्य का उदयपुर शहर एक बहुत फेमस और बड़ा शहर है. यह पूर्व राजपूताना एजेंसी में मेवाड़ के राज्य की ऐतिहासिक राजधानी है. महाराणा उदय सिंह ने सन 1553 में इस शहर की खोज की थी, और चित्तोरगढ़ की जगह उदयपुर को अपनी राजधानी बना लिया था. 1818 में जब ब्रिटिश राज्य आया, तब तक ये राजधानी रही. 1947 में राजधानी के बाद मेवाड़ को राजस्थान का हिस्सा बना दिया गया. उदयपुर एक बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, अपने इतिहास, संस्कृति, सुंदर स्थानों और राजपूत महलों के लिए ये समस्त दुनिया में प्रसिध्य है. 2009 में एक मैगजीन के अनुसार उदयपुर को दुनिया में बेस्ट सिटी कहा गया है. यहाँ की मेहमान नवाजी पुरे जगत में प्रसिध्य है. देश विदेश से लोग उदयपुर की सुन्दरता, संस्कृति को देखने जाते है. यहाँ रोयल मेवाड़ परिवार की अनेकों महल, स्थल है, जहाँ लोग घुमने-देखने जाते है. इन रॉयल पैलेस को आज कई होटलों में तब्दील कर दिया गया है, जिसमें रुका भी जा सकता है.
उदयपुर में अनेकों तालाब भी है, जिस वजह से इसे ‘सिटी ऑफ़ लेक’ भी कहा जाता है. इसे ‘पूरब का वेनिस’ भी कहा जाता है. आज उदयपुर के मुख्य दार्शनिक स्थल के बारे में जानकारी प्राप्त करते है. राजस्थान के जैसलमेर सिटी के दार्शनिक स्थल के बारे में यहाँ पढ़ें.
उदयपुर जाने का सही समय (Best time to visit Udaipur) –
उदयपुर जाने का सबसे अच्छा समय ठण्ड का होता है. इस समय तापमान भी अच्छा होता है, न अधिक ठंडा न गरम. लोग ज्यादातर यहाँ सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, फ़रवरी एवं मार्च में जाते है.
उदयपुर जाने का तरीका (How to Reach Udaipur) –
एयरप्लेन के द्वारा (By Air) –
उदयपुर से 20 किलोमीटर दूर डबोक एअरपोर्ट है, जिसे महाराणा प्रताप एअरपोर्ट भी कहते है. यह बहुत छोटा सा एअरपोर्ट है, जहाँ से जयपुर, मुंबई एवं दिल्ली की डायरेक्ट फ्लाइट रहती है.
ट्रेन के द्वारा (By Train) –
उदयपुर में 2 मुख्य रेलवे स्टेशन है, उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन एवं राना प्रताप रेलवे स्टेशन. यहाँ से राजस्थान के सभी स्टेशन एवं भारत के बहुत से मुख्य स्टेशन से कनेक्टिविटी है. इन स्टेशन पर भारत की महाराजा ट्रेन भी रूकती है, और उदयपुर की सैर कराती है. महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन की जानकारी यहाँ प्राप्त करें.
रोड के द्वारा (By Road) –
उदयपुर दिल्ली, मुंबई के बीच में आता है, यहाँ से दोनों जगह 700 किलोमीटर की दुरी पर है.
उदयपुर दर्शनीय स्थलों की सूची (Udaipur Tourist Places List In Hindi)
सिटी पैलेस –
सिटी पैलेस का निर्माण 1559 में महाराणा उड़ाई मिर्जा द्वारा करवाया गया था. यह पिकोला लेक के पास स्थित है. महल की वास्तुकला यूरोपीय और चीनी शैलियों का मिश्रण है. ये सिटी पैलेस 11 भव्य महलों से मिल कर बना है और ये सभी का निर्माण विभिन्न अवधियों के दौरान और विभिन्न शासकों द्वारा किया गया. महल में छत, आँगन, हैंगिंग गार्डन आदि है. महल की वास्तुकला शानदार है, जिसे देख आप अचंभित हो जायेंगें. महल के अंदर बहुत सुंदर सजावट है, दीवाल में सुंदर-सुंदर पेंटिंग है, जिसे देख कर आपको लगेगा कि आप 200-300 साल पीछे चले गए है, और महल को करीब से देख पायेंगें. महल अब संग्रहालय बन गया है, जहाँ कई प्राचीन लेख, शाही पेंटिंग, सजावटी फर्नीचर और बर्तन रखे गए है.
बगोरे की हवेली –
यह पिकोला लेक के पास ही स्थित है. इसका निर्माण मेवाड़ के मंत्री अमर चन्द बडवा द्वारा हुआ था. यह हवेली 1878 में महाराणा शक्ति सिंह का निवास बन गई थी, जिसके बाद इसका नाम बगोरे की हवेली पड़ा. इसे अब संग्रहालय में तब्दील किया गया है, लेकिन महाराजा के शाहीपन को आज भी यहाँ महसूस किया जा सकता है. यह मेवाड़ की संस्कृति को दर्शाती है. राजपूतों द्वारा उपयोग की हुई, वस्तु जैसे जेवर बॉक्स, हाथ पंखा, तरह तरह के धातु के बर्तन आदि. इस हवेली में 100 से भी ज्यादा कमरे है, जो अपनी अलग तरह की वास्तुकला को दर्शाते है. यहाँ रोज शाम को एक शो का भी आयोजन होता है.
कुमाभाल्गढ़ किला –
इस किले का निर्माण 15 वीं शताब्दी में महाराणा कुम्भा द्वारा हुआ था. इस महल की खास बात यह है कि भारत देश के महान योद्धा और मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप का जन्म इसी किले में हुआ था. महाराणा प्रताप जीवनी को यहाँ पढ़ें. राजस्थान का ये सबसे बड़ा और मजबूत किला है. किला 1180 m ऊँची रिज पर स्थित है. इसे देख आप अचंभित हो जायेंगें क्युकी ये किला अरावली के 13 ऊँची चोटियों से घिरा हुआ है. किले के चारों ओर अत्याधिक सुरक्षा है, इसके चारों और 15 किलोमीटर की चौड़ी दीवार है, जो उस समय दुश्मनों से महल की रक्षा करती थी. यह दुनिया की दूसरी बड़ी दीवार है, पहली दीवार सात अजूबों में से एक ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना है. दुनिया के सात अजूबों के बारे में यहाँ पढ़ें. इस किले को देखकर आप देश के महान योद्धा के जीवन को करीब से जान पायेंगें. उदयपुर में ये जगह को कोई भी देखना नहीं भूलता.
लेक पिकोला –
यह मानव निर्मित लेक है, जो किसी अजूबे से कम नहीं है. इसका निर्माण 1362 AD में हुआ था. 16 वीं शताब्दी में राजा उड़ाई सिंह ने इस लेक को और बड़ा करवा दिया था. यह सुरम्य झील विशाल पहाड़ियों, भव्य महलों, मंदिरों और स्नान घाटों से घिरा हुआ है. लेक में मौजूद आइसलैंड पर्यटकों का मुख्य आकर्षण होता है, जिसे देखने के लिए लोग क्रुज के द्वारा जाते है. इन क्रुज में बैठ कर, उदयपुर की सुन्दरता को देखा जा सकता है, साथ ही सूर्यास्त को देखना बहुत मनमोहक होता है. इसके पास में स्थित पैलेस में रात को मनोरम लाइट जलती है, लेक में घूमते हुए इन्हें देखना बहुत सुखद पल होता है. हर कोई इसे अपने कैमरे में कैद कर लेना चाहता है.
सज्जन गढ़ (मानसून पैलेस) –
अगर आप मानव निर्मित सुन्दरता से अधिक प्राकतिक सुन्दरता पसंद करते है, तो सज्जन गढ़ आपको सुखद अनुभव देगा. यह छोटा सा पैलेस है, लेकिन इसकी सुन्दरता देखने लायक है. इस पैलेस का रखरखाव अब अच्छे से नहीं होता है, लेकिन यहाँ से सूर्यास्त बहुत सुंदर दिखता है. इस पैलेस का निर्माण 1884 में महाराणा सज्जन सिंह के द्वारा हुआ था. राजा ने इस पैलेस का निर्माण इसलिए कराया था ताकि वे मौसम की जानकारी ले सकें, विशेषकर कर मानसून के बारे में पहले से पता लगाया जा सके. इसलिए इसे मानसून पैलेस भी कहते है. उनके असामयिक निधन के कारण इस पैलेस का काम पूरा नहीं हो सका. हालांकि यहां से नजारा शब्दों से परे है, जो आपको मोहित कर देगा. यह समुद्र तल से 1000 फीट ऊंचाई पर है, जहाँ पुरे उदयपुर को देखा जा सकता है.
लेक सिटी –
यह पिकोला लेक में स्थित है, जिसे देखने सबसे ज्यादा पर्यटक जाते है. यह जगनिवास आइसलैंड में स्थित है, जिसे आजकल ताज ग्रुप द्वारा चलाया जा रहा है. इसे ताज लेक पैलेस नाम से भी जाना जाता है. इस जगह से अरावली हिल्स बहुत से नजर आता है, जो इस जगह को और अधिक रोमेंटिक बना देता है. जो लोग यहाँ रुकना वहन कर सकते है, उनके लिए ये किसी जन्नत से कम नहीं है. लेक के बीचोंबीच रुकना, सोच कर ही सुख की अनुभूति होती है. इसे महाराजा जगत सिंह द्वीतीय द्वारा बनवाया गया था, जिसकी वास्तुकला भी बहुत सुंदर है.
जग मंदिर –
17 वीं शताब्दी में जगमंदिर आइसलैंड में बने जग मंदिर एक बहुत सुंदर जगह है. जग मंदिर वास्तुकला बहुत ही अच्छा नमूना है, जहाँ बाहर मार्वल के हाथी इसे और आकर्षित बनाते है. यह बहुत बड़े क्षेत्र में बना हुआ है, जहाँ गुल महल, बगीचा, दरीखाना, बड़ा पत्थरों का महल, ज़नाना महल और कुंवर पड़ा का महल है. लेक पिकोला में घूमते समय पर्यटक यहाँ जरुर जाते है. रात के समय यहाँ बहुत सुदर लाइटिंग होती है, जिसका प्रतिबिम्ब लेक भी दिखाई देता है.
जगदीश मंदिर –
यह भारतीय-आर्य का मिलाजुला मंदिर है, जिसका निर्माण महाराणा जगत सिंह द्वारा कराया गया था. इस मंदिर में विष्णु जी की प्रतिमा है, जो काले पत्थर से बनी हुई है. मंदिर के प्रवेश में विष्णु के वाहन गरुड़ की भी प्रतिमा है. यहाँ गणेश जी, सूर्य देव, आदि शक्ति, एवं शिव के भी मंदिर है. यहाँ लोग मुख्य रूप से सुबह शाम आरती में शामिल होते है.
लेक फतेहसागर –
फतेहसागर को देखे बिना आपका उदयपुर ट्रिप अधुरा है. यह पिकोला लेक के उत्तर में स्थित है, जो एक नहर के द्वारा एक दुसरे से जुड़ा हुआ है. यहाँ क्रुज में घुमने का अपना ही अलग मजा है. इस लेक में 3 आइसलैंड है, जिसमें से नेहरु पार्क सबसे अधिक फेमस है. यहाँ जू होने के कारण परिवार वालों की भीड़ बहुत होती है, क्यूंकि बच्चों को यहाँ बहुत मजा आता है.
सहेलियों की बारी –
इसका निर्माण महाराणा भोपाल सिंह के द्वारा हुआ था. यह शहर के उत्तरी भाग में स्थित है. इस महल का निर्माण राजा ने अपनी दसियों के लिए कराया था. यह वो जगह थी, जहाँ दासियाँ अपने लिए जीती थी, नाच, गाना, मस्ती सब यहाँ होती थी. यहाँ सुंदर सुंदर फाउंटेन, मार्वल के हाथी एवं पूल है.
भारतीय लोककला संग्रहालय –
यह लोककला संग्रहालय चेतक चौराहे में स्थित है. यहाँ हमें राजस्थानी संस्कृति को जानने, देखने का मौका मिलता है. उदयपुर में वास करने वाले शाही महाराजाओं की लाइफस्टाइल को यहाँ करीब से जानते है. यहाँ आज भी उनके कपड़े, जेवर, पगड़ी, संगीत वाद्ययंत्र, चित्र, खिलौने और कठपुतलियों है, जो संग्रहालय का मुख्य आकर्षण है. भारतीय लोकनृत्य की सूचि यहाँ पढ़ें.
आहार –
यह उदयपुर से 3 किलोमीटर दूर है. यहाँ शाही राजपुतानों के इतिहास को देखा जा सकता है.
अम्बरी घाट –
यह भी पिकोला लेक में स्थित है, जो फोटोग्राफी पसंद करने वालों की सबसे पसंदीदा जगह में से एक है. यहाँ से सिटी पैलेस एवं लेक पैलेस की सुन्दरता को देखा जा सकता है. यहाँ शाम के समय बहुत से जोड़ों को देखा जा सकता है, जो किसी लवपॉइंट से कम नजर नहीं आता है.
विंटेज क्लासिक कार संग्रहालय –
यहाँ राजस्थान के महाराजाओं की सुंदर सवारी को देखा जा सकता है. यहाँ बहुत सुंदर सुंदर गाड़ियों का संग्रह है. यहाँ अभी 22 गाड़ी है, जिसे देख आप रॉयल एरा में पहुँच जायेंगें.
मंसापूर्ण करनी रोपवे –
उदयपुर में इस रोपवे का मजा हर पर्यटक लेता है. यह पिकोला लेक के दो ओर स्थित पहाड़ी के बीच में बनाया गया है. यहाँ से पूरी उदयपुर सिटी की सुन्दरता को देखा जा सकता है.
जैसमंद लेक –
इसे ढेबर लेक भी कहते है. यह भारत में मानव द्वारा निर्मित लेकों में से एक है, जो उदयपुर से 48 किलोमीटर दुरी पर है. इसका निर्माण महाराणा जय सिंह द्वारा 1685 में कराया गया था. इस लेक पर एक बाँध भी बना हुआ है, जो 1202 फीट लम्बा, 116 फीट ऊँचा एवं 70 फीट चौड़ा है. यहाँ एक शिव मंदिर भी है.
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